Wednesday 6 May 2020
स्त्रियो को रखना चाहिए इन ख़ासबातो का ध्यान
स्त्रियो
को रखना चाहिए इन बातो का ख़ास ध्यान
यदि आप एक स्त्री है, और आप अपने घर – परिवार
में शान्ति तथा सुख छाती है तो आपको इन बातो का ध्यान हमेशा रखना चहिये |
·
स्त्री किसी भी घर की आधारशिला होती है स्त्रियो को सदैव
अपने घर-परिवार को ही प्राथमिकता देनी चहिये, यदि स्त्री अपने घर को प्राथमिकता न
देकर कोई कार्य करती है उसके घर परिवार में हमेशा कलह बना रहेगा |
·
स्त्री को अपने पतिव्रत धर्म का पालन
किसी भी मूल्य पर करना चहिये, जो स्त्री अपने पतिव्रत का पालन नही करती है उसके
चरित्र पर कलंक लग जाता है, इससे वह अपने घर, परिवार और समजा की दृष्टि में
निंदनिय हो जाती है |
जो स्त्री अपने पतिव्रत धर्म का पालन
करती है उसका और उसके परिवार का कोई भी बुरी शक्ति कुछ नही बिगाड़ सकती, सावित्री
और तुलसी जी की कथा तो आप सभी ने सुनी होगी |
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जो स्त्री विवाहित होते हुए भी किसी दुसरे
व्यक्ति से प्रेम करती है या सम्बन्ध बनाती है उसे और उसके परिवार को कभी मोक्ष की
प्राप्ति नही हो सकती और उसे अनंत काल का नरक भोगना पड़ता है और फिर बाद में पशु
यूनी प्राप्त होती है |
·
स्त्री का कर्तव्य, किसी भी धर्मं और
कर्तव्य से बड़ा होता है वह इस पूरे ब्रहमांड की सबसे बड़ी शक्तियों में से एक है यदि
कोई स्त्री अपने घर – परिवार के विरुद्ध जाकर किसी पराये व्यक्ति को प्रेम करती है
उससे किसी भी प्रकार का संबंद बनाती है वह समस्त देवताओं द्वारा तिरस्कृत होती है,
उसका कोई सम्मान नही करता, वह त्याग देने योग्य होती है ऐसी स्त्री पूरे कुल का
विननाश कर देती है |
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जो स्त्री विवाहित होते हुए किसी अन्य
विवाहित पुरुष को अपना मानती है और उससे सम्बन्ध रखती है उसका विचार मात्र भी करती
है तो ऐसी स्त्री के घर – परिवार में हमेशा कलह बना रहेगा, उसके अर्जित किये हुए
सारे पुण्य क्षीण हो जाते है, उसके पुत्र और पुत्री कभी सुखी नही रहते और वो नरक
के भोगी होते है |
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स्त्री को चाहिए की प्रत्येक पारिस्थि
में अपने पति और फिर पुत्र को सर्वप्रथम
रखकर धर्म का आचरण करते हुए पतिव्रत धर्म का पालन करे ऐसे स्त्री का त्रिलोक में
कोई कुछ नही बिगाड़ सकता, उसके परिवार में सदैव सुख का वास रहेगा उसके पति और पुत्र
की आयु बढ़ेगी उनकी यश कीर्ति बढती है |
पानं दुर्जनसंसर्गः पत्या च विरहोटनम्। स्वप्नोन्यगेहेवासश्च नारीणां दूषणानि षट्।।
अर्थात- मदिरा पान करने वाली,
दुष्ट पुरुषों का संग करने वाली,
पति के साथ न रहने वाली,
बिना किसी काम के इधर-उधर विचरन करने वाली,
असमय एवं देर तक सोने वाली,
अपना घर छोड़ दूसरे के घर में रहने वाली।
पति के साथ न रहने वाली महिलाओं और उनके बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब सकता है। विवाह उपरांत पति के साथ रहने पर ही महिला को समाज में उचित मान- सम्मान प्राप्त होता है।
Thursday 30 April 2020
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता इरफ़ान खान को आखरी सलाम
29 अप्रैल 2020 को बॉलीवुड और हॉलीवुड के मशहूर अभिनेता इरफ़ान खान की मृत्यु 53 वर्ष की उम्र में हो गयी, देश की बड़ी -बड़ी हस्तियों के साथ हमारे पूरे देश ने इसका शोक मनाया | कई लोग तो उनसे मिले भी नही होंगे लेकिन वे भी आज उनकी मौत सुनकर दुखी है | वे एक जबरदस्त अभिनेता के साथ -साथ बड़े ही प्रभावशाली व्यक्तित्व के थे | सिनेमा जगत को निश्चित ही कभी ऐसा अभिनेता मिले, इसकी क्षति पूर्ति कभी नही हो सकती | ये एक ऐसे अभिनेता थे जो स्टारडम से परे थे, अपनी बातो को बेबाकी से रखते थे, विवादों से परे अपनी बातो को बेबाकी और स्पष्टता से कहते थे पठान परिवार में जन्म लेने के बाद भी इरफ़ान शाकाहारी थे उनके पिता उन्हें पठान परिवार में जन्म लिया ब्राह्मण कहते थे | इरफ़ान का जन्म 7 जनवरी 1968 को जयपुर में हुआ | इनके पिता ने इनका नाम साह्जादे इरफ़ान अली खान रखा , लेकिन बाद में इन्होने अपने नाम को कर दिया, और उन्होंने बाद में अपने नाम में एक R और जोड़ा वो अपना नाम 'Irrfan' लिखते थे | उनका मानना था उनकी पहचान उनके धर्मं, मजहब से नही उनके अभिनय उनके काम से पहचाने जाना चाहते थे | कहते है सिनेमा जगत में तीन खान है लेकिन अभिनय की सबसे बड़ी खान कोई है तो है - Irrfan Khan.
4 दिन पहले 25 अप्रैल को ही इनकी माँ का भी निधन जयपुर में हो गया, वो लॉक डाउन के कारण अपनी माँ के अंतिम दर्शन नहीं कर सके | इरफ़ान को न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर था, इस बीमारी का पता उन्हें 2018 में चला | इसके इलाज के लिए वो लन्दन भी गये थे | वे लम्बे वक्त से कैंसर की लड़ाई लड़ रहे थे लेकिन वो इस लड़ाई को जीत नही सके | जब भी कभी अभिनय की बात की जाएगी तो इरफ़ान को निश्चित ही याद किया जायेगा | मरते वक़्त उनके शब्द थे - “अम्मी मुझे लेने आई है “ |
इरफ़ान अभिनय से पहले अपना करियर क्रिकेट में बनाना चाहते थे , लेकिन पैसो की वजह से वो क्रिकेट में अपना करियर नही बना सके | कॉलेज में नाटको से प्रभावित होकर उन्होंने अभिनय करने का निश्चय किया |ओम पुरी, नसीरुद्दीन शाह जैसे - दिग्गज अभिनेताओ से प्रेरित होकर National School of Drama, दिल्ली मे अभिनय सीखा |
सच कहूं तो इरफ़ान मेरे सबसे पसंदीदा अभिनेता नही है लेकिन उनकी अभिनय कला का मैं बहुत ही बड़ा प्रसंशक हूँ, उनकी अभिनय कला का लोहा बॉलीवुड ही नही बल्कि हॉलीवुड भी मानता है | उन्होंने जिन भी फिल्मो में काम किया, जिस भी किरदार का अभिनय किया उसे जीवंत कर दिया, उस किरदार को जिया है | अगर आप उनकी फिल्मो का चुनाव देखेंगे तो आप भी समझ जायेंगे की उनकी फिल्मे वास्तविक जीवन का जीवंत चित्रण है उनकी फिल्मो में एक वास्तविकता दिखाई पड़ती है, उनकी फिल्मो की कहानी हमें हमारी कहानी लगती है न की कोई कल्पना | इरफ़ान की किसी भी फिल्म को देख कर आप उनके अभिनय कला की परिपक्वता और वास्तविकता देख सकते है | आप उनके किसी भी किरदार को देख कर आप उनकी कहानी में खो जायेंगे, उनकी आँखों से ही उनकी अभिनय कला दिखाई पड़ती थी , उनके द्वारा कहे जाने वाले एक - एक डायलाग को सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे | फिल्म समीक्षकों, समकालीनों और अन्य विशेषज्ञों ने उनके बहुमुखी और प्राकृतिक अभिनय के लिए उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं में से एक माना है।
TV Serials
90 के दशक
में, इरफ़ान ने - भारत एक खोज, बनेगी
अपनी बात, चाणक्य, चंद्रकांता, श्री कांत जैसे दूरदर्शन टीवी सीरियल में भी काम किया | उन्होंने अकादमी पुरस्कार नामांकित फिल्म सलाम बॉम्बे के साथ अपनी शुरुआत कीऔर उनकी अंतिम फिल्म अंग्रेजी मीडियम थी, उनकी पहली फिल्म सलाम बॉम्बे को ऑस्कर अवार्ड्स के लिए भी नामांकित किया गया |
Films
यदि आपने उनकी फिल्मे और उनका अभिनय नही देखा है तो ये कुछ प्रमुख फिल्मे है - Slumdog Millionaire, Life of Pie, Paan Singh Tomar, Life In A Metro, Blackmail, Hindi Medium , Lunch Box, Angrezi Medium , Billu, Madari, Jurassic World, Inferno, Karwaan, Talwar, Piku, D-Day, New York, Right Yaaa Wrong, The Amazing Spider-Man, Saheb Biwi Aur Gangster Returns, Saat Khoon Maaf, Mumbai Meri Jaan, The Killer Maqbool, Haider इत्यादि | जिन्हें आपको एक बार जरूर देखना चाहिए आपको इनकी अदायगी के प्रसंशक बन जायेंगे |
Awards
इरफ़ान ने कई पुरस्कार जीते -
राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, फिल्म्
फेयर के अवार्ड्स | इन्होने २ ऑस्कर विजेता फिल्मो में
काम किया है – सलाम बॉम्बे , स्लम डॉग मिलियनिर | सिनेमा जगत में उनके योगदान और अभिनय के लिए कई
पुरस्कार भी मिले जिनमे कुछ प्रमुख है -
2011 में, कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च
नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
2011 में, पान सिंह तोमर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म
पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ
अभिनेता के लिए फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड से सम्मानित किया।
हिंदी मीडियम (2017) में इन्हें इनके भीने के लिए अंतर्राष्ट्रीय
भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार मिला |
Videos
श्रद्धांजलि
मृत्यु तो अंतिम सत्य है, जिसे बदला नही जा सकता | आइये हम सभी ईश्वर से प्रार्थना करते है की भगवान उनकी आत्मा को शान्ति
प्रदान करे और उनके परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति दे
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Monday 13 April 2020
कोरोना वायरस COVID-19 से सुरक्षा के उपाय | Prevention From Corona Virus COVID-19
नए
कोरोनावायरस के खिलाफ बुनियादी सुरक्षात्मक उपाय
बार-बार हाथ धोएं
अपने हाथों को अल्कोहल-आधारित हाथ से
नियमित रूप से और अच्छी तरह से साफ करें या उन्हें साबुन और पानी से धोएं। क्यों? अपने हाथों को साबुन और पानी से
धोना या अल्कोहल-आधारित हाथ रगड़ना उन वायरस को मारता है जो आपके हाथों पर हो सकते
हैं।
सामाजिक दूरी बनाए रखें
जो खांस रहा है या छींक रहा है, उनसे अपने आप को और किसी को भी,
कम से कम 1 मीटर (3 फीट) की दूरी दूरी बनाए रखें।
क्यों? जब किसी को खांसी या छींक आती
है तो वे अपनी नाक या मुंह से छोटी तरल बूंदें छिड़कते हैं जिनमें वायरस हो सकता
है। यदि आप बहुत करीब हैं, तो आप
खांसी में सांस ले सकते हैं, जिसमें
सीओवीआईडी -19 वायरस
भी शामिल है यदि खांसी करने वाले व्यक्ति को यह बीमारी है।
आंखों, नाक और
मुंह को छूने से बचें
क्यों? हाथ कई
सतहों को छूते हैं और वायरस उठा सकते हैं। एक बार दूषित होने पर, हाथ वायरस को आपकी आंखों, नाक या मुंह में स्थानांतरित कर
सकते हैं। वहां से, वायरस
आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है और आपको बीमार कर सकता है।
श्वसन स्वच्छता का अभ्यास करें
सुनिश्चित करें कि आप, और आपके आस-पास के लोग, अच्छी श्वसन स्वच्छता का पालन
करें। इसका मतलब है खांसी या छींक आने पर अपनी मुड़ी हुई कोहनी या टिशू से अपने
मुंह और नाक को ढंकना। फिर इस्तेमाल किए गए टिशू का तुरंत निपटान करें। क्यों? बूंदों से वायरस फैलता है।
अच्छी श्वसन स्वच्छता का पालन करके आप अपने आसपास के लोगों को सर्दी, फ्लू और सीओवीआईडी -19 जैसे वायरस से बचाते हैं।
यदि आपको बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई
है, तो जल्द
चिकित्सा देखभाल की तलाश करें
यदि आप अस्वस्थ महसूस करते हैं तो घर पर रहें। यदि आपको
बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई है, तो चिकित्सा पर ध्यान दें और पहले से फोन करें। अपने स्थानीय
स्वास्थ्य प्राधिकरण के निर्देशों का पालन करें। क्यों? पहले से कॉल करने से आपका स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता आपको
जल्दी से सही स्वास्थ्य सुविधा के लिए निर्देशित कर सकेगा। यह आपकी रक्षा भी करेगा
और वायरस और अन्य संक्रमणों को फैलने से रोकने में मदद करेगा।
मास्क का उपयोग कब करें
- यदि आप स्वस्थ हैं, यदि आप संदिग्ध 2019-nCoV संक्रमण वाले व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तब आपको मास्क पहनने की ज़रूरत है ।
- खांसने या छींकने पर मास्क पहनें।
- मास्क केवल तभी प्रभावी होते हैं जब आप के हाथ अच्छी तरह अल्कोहल-आधारित हैण्ड-रब या साबुन और पानी के साथ लगातार हाथ की सफाई का निरंतर ध्यान दिया जाय ।
- यदि आप मास्क पहनते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि इसका उपयोग कैसे करना है और इसे ठीक से निपटाना है।
कोरोनोवायरस से बचाव के लिए मेडिकल मास्क कब और कैसे पहनना है
· मास्क लगाने से पहले, अल्कोहल बेस्ड हैंड रगड़ या
साबुन और पानी से हाथ साफ करें |
· मुंह और
नाक को मास्क से ढकें और सुनिश्चित करें कि आपके चेहरे और मास्क के बीच कोई गैप न हो |
·
उपयोग करते समय मास्क को छूने
से बचें; यदि आप मास्क
को छूते हैं, तो अपने
हाथों को अल्कोहल-आधारित हाथ रगड़ या साबुन और पानी से साफ करें |
· जैसे ही मास्क
नम हो, मास्क को नए से बदलें और सिंगल-यूज़ मास्क का दोबारा
इस्तेमाल न करें।
· मास्क
हटाने के लिए: इसे पीछे से हटा दें (मास्क के सामने को न छुएं); एक बंद डस्ट-बिन में तुरंत त्यागें; अल्कोहल बेस्ड हैंड रगड़ या साबुन और पानी से हाथ साफ करें।